"खोटा सिक्का"

तुझे कमाने की कोशिश में मैं बिक गया,
चला जो दावं, तो मैं चारो खाने चित गया,
भरे बाज़ार में उसने मेरी कीमत लगाई क्या,
किसी खोटे, घिसे सिक्के के जैसा पिट गया,
ये कैसा दावं खेला, कल तलक था रहेनुँमा मेरा
था जो तक़दीर वो तक़दीर में क्या लिख गया,

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