"पौधा"
तेरी आँखों की खारी नमी लेकर,
अपने अरमानो से थोड़ी जमीं लेकर,
तुमको बिन बतलाये,
मैंने रिश्ते का छोटा सा पौधा लगाया था,
मुझे मालूम है की तुम बोहोत दूर रहते हो,
नए रिश्ते निभाने में ज़रा मशरूफ रहते हो,
पर अगर फिर भी वक़्त मिले,
तो आकर देखना,
उस पौधे पर अब,
एक कली मुस्कुराती है.
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